स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत कोर्ट मैरिज
स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत कोर्ट मैरिज
स्पेशल मैरिज एक्ट किसी भी धर्म या अंतर-धर्म के जोड़ों को कानूनी रूप से शादी करने का विकल्प प्रदान करता है। यहाँ एक विस्तृत विवरण है कि यह प्रक्रिया कैसे काम करती है:
पात्रता
कोई भी धर्म या अंतर-धर्म के लोग इस एक्ट के तहत शादी कर सकते हैं।
प्रक्रिया
- दस्तावेज़ तैयारी: पहले सभी आवश्यक दस्तावेज़ों को तैयार करें।
- पहली उपस्थिति: शादी के लिए आवेदन करें और रजिस्ट्रार के सामने उपस्थित हों। इस दौरान 30 दिनों का सार्वजनिक नोटिस जारी किया जाएगा।
- नोटिस अवधि: अगर 30 दिनों के दौरान कोई आपत्ति नहीं दर्ज होती है, तो विवाह प्रमाणपत्र जारी किया जाता है।
- दूसरी उपस्थिति: दोनों पक्षों को गवाहों के साथ दो बार उपस्थित होना होता है—पहली बार दस्तावेज़ जमा करने के 2-4 दिनों में, और दूसरी बार 32-34 दिनों बाद अंतिम प्रक्रिया के लिए।
आवश्यकताएँ
- पता प्रमाण: या तो दूल्हा या दुल्हन के पास दिल्ली का पता प्रमाण होना चाहिए।
- गवाह: दोनों तारीखों पर गवाहों के साथ उपस्थित होना अनिवार्य है।
समय सीमा
पूरी प्रक्रिया में लगभग 38-40 दिन लगते हैं, जिसमें नोटिस अवधि भी शामिल है।
कानूनी पहलू
कानून के अनुसार, केवल एक पक्ष विवाह के लिए आवेदन नहीं कर सकता; दोनों पक्षों की उपस्थिति अनिवार्य है। कुछ वकील इस प्रक्रिया में मदद करने के लिए सेवाएँ भी प्रदान करते हैं, ताकि सभी चरणों का सही ढंग से पालन किया जा सके।
स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत विवाह करके आप अपनी शादी को कानूनी मान्यता दिला सकते हैं, बिना किसी पारंपरिक समारोह की आवश्यकता के। यह विधि विभिन्न धर्मों के जोड़ों के लिए एक समावेशी और सुव्यवस्थित विकल्प है।
क्या यह प्रक्रिया आपकी शादी की योजना में स्पष्टता और सुव्यवस्था नहीं लाती? अगर आपके पास और सवाल हैं या किसी अन्य विषय पर सहायता चाहिए, तो बेझिझक पूछें!