आर्य समाज शादियों के पवित्र अनुष्ठान: परंपरा और मिलन का उत्सव
1. वरमाला – दूल्हा और दुल्हन एक दूसरे के गले में माला या वरमाला डालते हैं।
2. मधुपर्क – दुल्हन दूल्हे को शहद, दही और मलाई का मिश्रण मधुपर्क देती है, जिसे दूल्हा तीसरी बार देने पर पीता है।
3. हवन – हवन में अग्नि की पूजा की जाती है, जहां पुजारी मंत्रों का जाप करते हैं।
4. कन्यादान – दुल्हन का पिता दूल्हे को उसका हाथ देता है।
5. लाजाहोम – इस अनुष्ठान में फूले हुए चावल को पवित्र अग्नि या हवन में चढ़ाया जाता है। दूल्हा और दुल्हन को हाथ पकड़ना होता है, जबकि दुल्हन का भाई अग्नि को अर्पित करने के लिए उनके हाथों में चावल देता है।
6. फेरे – युगल पवित्र अग्नि के सामने चार फेरे लेते हैं, जबकि दुल्हन अपने पति की लंबी उम्र और खुशी के लिए प्रार्थना करती है, और दूल्हा अपनी पत्नी की रक्षा, देखभाल और सम्मान करने का वादा करता है।
7. सप्तपदी – युगल एक साथ 7 कदम उठाते हैं। इस समारोह के 7 चरण स्वास्थ्य, धन, सौभाग्य, प्रेम, शक्ति, भोजन और संतान का प्रतीक हैं।
8.सिंदूर दान – दूल्हा दुल्हन की मांग में सिन्दूर या लाल सिन्दूर लगाता है।
9. आशीर्वाद – दम्पति सभी बड़ों को प्रणाम करके उनके पैर छूते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।